दर्द अपनाता है पराए कौन
कौन सुनता है और सुनाए कौन
कौन दोहराए वो पुरानी बात
ग़म अभी सोया है जगाए कौन
वो जो अपने हैं क्या वो अपने हैं
कौन दुख झेले आज़माए कौन
अब सुकूँ है तो भूलने में है
लेकिन उस शख़्स को भुलाए कौन
उससे पहले मै सिर्फ़ आपका आभार व्यक्त करके लिखना बंद कर रहा हु, मेरे ब्लॉग पर आप आए है आपका हार्दिक स्वागत है - आभार
1 comment:
बातें तो सारी पुरानी उठ जायेंगी
दिल अभी रोया है बताए कौन
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