Wednesday, November 5, 2008

दर्द अपनाता है पराए कौन

दर्द अपनाता है पराए कौन 

कौन सुनता है और सुनाए कौन 

कौन दोहराए वो पुरानी बात 
ग़म अभी सोया है जगाए कौन 

वो जो अपने हैं क्या वो अपने हैं 
कौन दुख झेले आज़माए कौन 

अब सुकूँ है तो भूलने में है 
लेकिन उस शख़्स को भुलाए कौन 

1 comment:

अनुपम अग्रवाल said...

बातें तो सारी पुरानी उठ जायेंगी
दिल अभी रोया है बताए कौन